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यूनिकोड नाम | देवनागरी अक्षर व |
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देवनागरी | U+0905 |
समुच्चयबोधक
अक्षर
- २९वाँ देवनागरी व्यंजन
उच्चारण
(file) |
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
व हिंदी या संस्कृत वर्णमाला का उन्नीसवाँ व्यंजन वर्ण, जो उकार का विकार और अंतस्थ अर्धव्यंजन माना जाता है । इसका उच्चारणस्थान दंत्योष्ठ है, अर्थात् दाँत और से इसका उच्चारण होता है । प्रयत्न ईषत्स्पृष्ट होता है, अर्थात् उच्चारण के समय दाँतों का ओठ से कुछ स्पर्श होता है । हिंदी में इस वर्ण का उच्चाऱण अधिकतर केवल ओठ से होता है; केवल संस्कृताम्यासी लोग ही शुद्ध दंत्योष्ठ उच्चारण करते हैं ।
व ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वायु ।
२. बाण ।
३. वरुण ।
४. बाहु ।
५. मंत्रणा ।
६. कल्याण ।
७. सांत्वना ।
८. वसति । बस्ती ।
९. वरुणालय । समुद्र ।
१०. शार्दूल ।
११. वस्त्र ।
१२. कोई का कंद । सेरकी ।
१३. जल में उत्पन्न होनेवाले कंद । शालूक ।
१४. वंदन ।
१५. अस्त्र ।
१६. खङ्गधारी पुरुष ।
१७. मूर्वा नामक लता ।
१८. वृक्ष ।
१९. कलश से उत्पन्न ध्वनि ।
२०. मद्य ।
२१. प्रचेता ।
२२. । पानी । जल (को॰) ।
२३. आदर । संमान (को॰) ।
२४. राहु (को॰) ।
व ^२ वि॰ बलवान् ।
व ^३ अव्य॰ [फ़ा॰] और । जैसे,—राजा व रईस ।