उ
अ | आ | इ | ई | उ | ऊ | ए | ऐ | ओ | औ | अं | क | ख | ग | घ | ङ | च | छ | ज | झ | ञ | ट | ठ | ड | ढ | ण | |
त | थ | द | ध | न | प | फ | ब | भ | म | य | र | ल | व | श | ष | स | ह | क्ष | त्र | ज्ञ | ऋ | ॠ | लृ | ऑ | श्र | अः |
यूनिकोड नाम | देवनागरी अक्षर उ |
---|---|
देवनागरी | U+0905 |
हिन्दी वर्णमाला का पाँचवाँ अक्षर
उच्चारण
(file) |
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
उ
१. हिंदी वर्णामाला का पाँचवाँ अक्षर । इसका उच्चारणस्थान ओष्ठ है । यह तीव मुख्य स्वरीं में है । हसके ह्नस्व, दीर्घ, प्लुत तथा सानुनासिक और निरनुनासिक भेद से १८ भेद होने हैं । 'उ' को गुणा करने से 'ओ' और वूद्धि करने से 'औ' होता है ।
उ ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. ब्रह्ना ।
२. नर । उ॰—नर, नारायण और विधि ये तीनों मम केस । उ, अ, आ अलक विभाम ते भाख्यो यह परमेस । (शब्द॰) ।
३. चंद्रमंडल (को॰) ।
उ ^२पु अव्य॰ भी । उ॰—औरउ एक कहौं निज चोरी । सुनु गिरिजा अति दृढ़ मति तोरी ।—तुलसी (शब्द॰) ।