त
अ | आ | इ | ई | उ | ऊ | ए | ऐ | ओ | औ | अं | क | ख | ग | घ | ङ | च | छ | ज | झ | ञ | ट | ठ | ड | ढ | ण | |
त | थ | द | ध | न | प | फ | ब | भ | म | य | र | ल | व | श | ष | स | ह | क्ष | त्र | ज्ञ | ऋ | ॠ | लृ | ऑ | श्र | अः |
यूनिकोड नाम | देवनागरी अक्षर त |
---|---|
देवनागरी | U+0905 |
उच्चारण
सम्पादन(file) |
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनत ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. नौका । नाव ।
२. पुण्य ।
३. चोर ।
४. झूठ ।
५. पूँछ । दुम ।
६. गोद ।
७. म्लेच्छ ।
८. गर्भ ।
९. शठ ।
१०. रत्न ।
११. बुद्ध ।
१२. अमृत ।
१३. योद्धा (को॰) ।
१४. रत्न (को॰) ।
१५. एक पिंगल (को॰) ।
त † पु ^२ क्रि॰ वि॰ [सं॰ तद, हिं॰ तो] तो । उ॰— (क) अउ पाएउँ मानुस कइ शाखा । नाहिं त पखि मूठि भर पाँखा ।— जायसी (शब्द॰) । (ख) हमहुँ कहब ठकुर सोहाती । नाहिं त मोन रहव दिन राती ।—तुलसी (शब्द॰) । (ग) करतेहु राज त तुमहिं न दोसू । रामहि होत सुनत संतोसू ।— तुलसी (शब्द॰) ।