अं
क्ष त्र ज्ञ लृ श्र अः
सार्वभौमिक वर्ण समुच्चय
यूनिकोड नामदेवनागरी अक्षर
देवनागरीU+0905

उच्चारण

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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ङ व्यंजन वर्ण का पाँचवाँ और कवर्ग का अंतिम अक्षर । यह स्पर्श वर्ण है, और इसका उच्चारण स्थान कंठ और नासिका है । इसमें संवार, नाद, घोष और अल्पप्राण नामक प्रयत्न लगते हैं ।

ङ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सूँघने की शक्ति ।

२. गंध । सुगंध ।

३. शिव का एक नाम । भैरव ।

४. इंद्रियों का विष्य । इंद्रिय— विषय (को॰) ।

५. इच्छा । आकांक्षा । स्पृहा (को॰) । च