मोल
संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
मोल संज्ञा पुं॰ [सं॰ मूल्य, प्रा॰ मुल्ल]
१. वह धन जो किसी वस्तु के बदले में बेचनेवाले की दिया जाय । कीमत । दाम । मूल्य । क्रि॰ प्र॰—करना ।—चुकना ।—ठहरना ।—देना ।—लेना । यौ॰—अनमोल ।
२. दुकानदार की ओर से वस्तु का मूल्य कुछ बढ़ाकर कहा जाना । जैसे,—मोल मत करो, ठीक ठीक दाम कहो । यौ॰—मोलचाल =(१) अधिक मूल्य । (२) किसी चीज का दाम घटा बढ़ाकर तै करना । मुहा॰—मोल करना =(१) किसी पदार्थ का उचित से अधिक मूल्य कहना । (२) मूल्य घटा बढा़कर तै करना ।