हवा एक हिन्दी शब्द है। इसके दो मुख्य अर्थ हैं:

  1. वह पदार्थ जो ज़मीन के ऊपर वायुमंडल बनाता है जिसमें मनुष्य सांस लेता है
  2. जब उपरोक्त पदार्थ एक जगह से दूसरी जगह जाता है तो उसे प्रक्रिया को "हवा चलना" कहते हैं

पर्यायवाची

पवन, वायु, समीर, अनिल, वात, मरुत, पवमान

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

हवा संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]

१. वह सूक्ष्म प्रवाह रूप पदार्थ जो भूमंडल को चारों ओर से घेरे हुए है और जो प्राणियों के जीवन के लिये सब से अधिक आवश्यक है । वायु । पवन । विशेष—दे॰ 'वायु' । क्रि॰ प्र॰—आना ।—चलना ।—बहना । यौ॰—हवाखोरी । हवाचक्की । हवागाड़ी = मोटर गाड़ी । मुहा॰—हवा उड़ना = खबर फैलना । बात फैलना या प्रसिद्ध होना । हवा उड़ाना = (१) अधोवायु छोड़ना । पादना । (२) किंवदंती उड़ाना । अफवाह फैलाना । हवा करना = पंखे से हवा का झोंका लाना । पंखा हाँकना । हवा के रुख जाना = जिस ओर को हवा बहती हो उसी ओर जाना । हवा के मुँह पर जाना = दे॰ 'हवा के रुख जाना' । (लश॰) । हवा के घोड़े पर सवार होना = बहुत उतावली में होना । बहुत जल्दी में होना । उ॰—यह नादिरी हु्क्म ! तुम हवा के घोड़ों पर सवार हो, कुछ ठिकाना है क्या हुक्म दिया कि फौरन जगा दो ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ३६२ । हवा गिरना = हवा थमना । तेज हवा का चलना बंद होना । हवा खाना = (१) शुद्ध वायु के लिये बाहर निकलना । बाहर घूमना । टहलना । उ॰—अच्छा, उनको यहाँ ला सकती हो या कहो तो हवा खाते हुए हम ही चले चलें ।—सैर॰, पृ॰ १८ । (२) प्रयोजन सिद्धि तक न पहुँचना । बिना सफलता प्राप्त किए यों ही रह जाना । अकृतकार्य होना । जैसे,—वक्त पर तो आए नहीं, अब जाओ हवा खाओ । हवा गाँठ में बाँधना = असंभव बात के लिए प्रयत्न करना । अनहोनी बात के पीछे हैरान होना । हवा चलना = समय की धारा का प्रवाहित होना । समय का आना । उ॰—अजी किबला, अब तो हवा ही ऐसी चली है कि जवान तो जवान बुडढों तक को बुड़भस लगा है ।—फिसाना॰, भा॰ १, पृ॰ ९ । हवा फाँककर रहना या हवा पीकर रहना = बिना आहार के रहना । (व्यंग्य) । जैसे,—कुछ खाने को नहीं पाते तो क्या हवा पीकर रहते हो ? हवा पकड़ना = पाल में हवा भरना (लश॰) । हवा बताना = किसी वस्तु से वंचित रखना । टाल देना । इधर उधर की बात कहकर हटा देना । जैसे,—वह अपना काम निकालकर तुम्हें हवा बता देगा । हवा बाँधकर जाना = हवा की चाल से उलटा जाना । जिस ओर से हवा आती हो, उस ओर जाना (विशेषतः नाव के लिये) । हवा बाँधना = (१) लंबी चौड़ी बातें कहना । शेखी हाँकना । बढ़ बढ़कर बोलना । (२) बिना जड़ की बात कहना । गप हाँकना । झूठी बातें जोड़कर कहना । हवा पलटना, फिरना या बदलना = (१) दूसरी ओर की हवा चलने लगना । (२) दशांतर होना । दूसरी स्थिति वा अवस्था होना । हालत बदलना । हवाबदली = स्थानपरिवर्तन । जलवायु परिवर्तन । उ॰—हवाबदली के इरादे से आज ही यहाँ आया हूँ ।— जिप्सी, पृ॰ १ । हवा भर जाना = खुशी या घमंड से फूल जाना । हवा बिगड़ना = (१) संक्रामक रोग फैलना । वबा या मरी फैलना । (२) रीति या चाल बिगड़ना । बुरे विचार फैलना । दिमाग में हवा भर जाना = सिर फिरना । उन्माद होना । बुद्धि ठीक न रहना । हवा देना = (१) मुँह से हवा छोड़कर दहकाना । फूँकना (आग के लिये) । (२) बाहर हवा में रखना । ऐसे स्थान में लाना जहाँ खूब हवा लगे । जैसे—इन कपड़ों को कभी कभी हवा दे दिया करो । (३) झगड़े का बढ़ाना । झगड़ा उकसाना । हवा सा = बिल्कुल महीन या हलका । हवा लगते गल जाना = जरा सी बात में इधर का उधर हो जाना । रंच मात्र बाधा से डाँवाडोल हो जाना । लेश मात्र प्रतिकूल प्रभाव से नष्ट हो जाना । उ॰—हम नहीं हैं फूल जो वे दें मसल । हैं न ओले जो हवा लगते गलें ।—चुभते॰, पृ॰ १६ । हवा से लड़ना = किसी से अकारण लड़ना । हवा से बातें करना = (१) बहुत तेज दौड़ना या चलना । (२) आप ही आप या व्यर्थ बहुत बोलना । हवा लगना = (१) हवा का झोंका बदन पर पड़ना । वायु का स्पर्श होना । (२) वात रोग से ग्रस्त होना । (३) उन्माद होना । सिर फिर जाना । बुद्धि ठीक न रहना । (४) आसेब, प्रेत आदि का आवेश होना । प्रेताविष्ट होना । (५) किसी के प्रभाव में आना । (किसी की) हवा लगना = किसी की संगत का प्रभाव पड़ना । सुहबत का असर होना । किसी के दोषों का किसी में आना । जैसे,—तुम्हें भी उसी की हवा लगी । हवा हो जाना = (१) झटपट चल देना । भाग जाना । (२) बहुत तेज दौड़ना या चलना । जैसे,—चाबुक पड़ते ही वह घोड़ा हवा हो जाता है । (३) न रह जाना । एक बारगी गायब हो जाना । अभाव हो जाना । जैसे,—बहुत आशा लगाए थे, पर सारी बातें हवा हो गईं । उ॰—गुजारे के लिये मोटी रकम पेंशन में मिलनेवाली है वह भी हवा हो जायगी ।— किन्नर॰, पृ॰ २४ । हवा होना = दे॰ 'हवा हो जाना' । उ॰— यह कहकर शहसवार हवा हुआ ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ९० । कहीं की हवा खाना = कहीं जाना । (किसो को) कहीं की हवा खिलाना = कहीं भेजना । जैसे,—तुम्हें जेलखाने की हवा खिलावेंगे ।

२. भूत । प्रेत । (जिनका शरीर वायव्य माना जाता है) ।

३. अच्छा नाम । प्रभाव । प्रसिद्धि । ख्याति ।

४. व्यापारियों य ा महाजनों में धाक । बड़प्पन या उत्तम व्यवहार का विश्वास । साख । मुहा॰—हवा उखड़ना = (१) नाम न रह जाना । प्रसिद्ध न रहना । (२) साख न रह जाना । बाजार में विश्वास उठ जाना । हवा बँधना = (१) अच्छा नाम हो जाना । लोगों के बीच प्रसिद्ध हो जाना । (२) बाजार में साख होना । व्यवहार में लोगों के बीच अच्छी धारणा होना ।

५. किसी बात की सनक । धुन ।

६. इच्छा । स्पृहा आकांक्षा (को॰) ।

७. लोभ । लालच (को॰) ।