संज्ञा
- तर्क, युक्ति, उपपत्ति, वितर्क, तर्क-वितर्क
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
शास्त्रार्थ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. किसी शास्त्रीय विषय पर वादविवाद करना । उ॰—उसने अनेक पंडितों को शास्त्रार्थ में जीता है ।— भारतेंदु ग्रं॰, भा॰, १, पृ॰ १० ।
२. शास्त्रविधियों या वचनों का अर्थ [को॰] ।