संज्ञा

  1. तर्क, वितर्क, उपपत्ति, शास्त्रार्थ, तर्क-वितर्क

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

युक्ति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. उपाय । ढ़ंग । तरकीब ।

२. कौशल । चातुरी ।

३. चाल । रीती । प्रथा ।

४. न्याय । नीति ।

५. अनुमान । अंदाजा ।

६. उपपत्ति । हेतु । कारण ।

७. तर्क । ऊहा ।

८. उचित विचार । ठीक तर्क । जैसे, युक्तियुक्त बात ।

९. योग । मिलन ।

१०. एक अलंकार का नाम जिसमें अपने मर्म को छिपाने के लिये दूसरे को किसी क्रिया या युक्ति द्वारा वचित करने का वर्ण न होता है । जैसे,— लिखत रही पिय चित्र तहँ आवत लखि सखि आन । चतुर तिया तेहि कर लिखे फूलन के धनुवान ।

११. केशव के अनुसार उक्ति का एक भेद जिसे स्वभावोक्त भी कहते हैं ।