वितर्क
संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
वितर्क संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. एक तर्क के उपरांत होनेवाला दूसरा तर्क । युक्ति । दलील ।
२. सदेह । शक ।
३. अटकल । अनुमान ।
४. एक प्रकार का अर्थालंकार जिसमें किसी प्रकार के संदेह या वितर्क का उल्लेख होता है और कुछ निर्णय नहीं होता ।
६. विचार विनिमय (को॰) ।
७. आध्यात्मिक गुरु (को॰) ।
८. अभिप्राय । प्रयोजन (को॰) ।