प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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करल ^१पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ कटाह] कड़ाह । कड़ाही । उ॰— करल चढै़ तेहि पाराहिं पूरी । मूठी माँझ रहैं सौ जूरी । — जायसी (शब्द॰) ।

करल ^१पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ करग्र] मुष्टि । उ॰—(क) तीखा लोयण, कटि करल, उर रतड़ा बिबीह । ढोला थाँकी मारुइ जाँणि विलूछउ सीह । — ढोला॰, दू॰ ४५६ ।(ख) स्याम ा कटि कटि मेखला समरपित किसा अंग मापित करल ।— बेलि॰, दू॰ ९६ ।

करल ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ कारा, काला]

१. एक प्रकार की काली मिट्टी जो प्रायः तालों के किनारे मिलती है । विशेष—यह बहुत कड़ी होती है, पर पानी पड़ने पर गलकर लसीली हो जाती है । इससे स्त्रियाँ सिर साफ करती हैं । कुम्हार भी इसे काम में लाते हैं ।

२. वह भूमि जहाँ की मिट्टी करैल या काली हो ।

भोजपुरी

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व्युत्पत्ति

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संस्कृत करोति से। तुलना करें हिंदी करना (karnā)

उच्चारण

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क्रिया

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करल (karal)

  1. करना
  2. एक सहायक क्रिया

रूप-रचना

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