कर
क्रिया
कुछ कार्य के लिए कहना
संज्ञा
अन्य शब्द
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
कर ^१ संज्ञा पु॰ [सं॰]
१. हाथ । मुहा॰—कर गहना=(१) हाथ पकड़ना । (२) पणिग्रहण या विवाह करना । कर मलना=हाथ मलना । पश्चाताप करना उ॰—ननद देखि कै रहहि रिसाइ । तब चलिहुहु कर मलि पछिताय ।—जग॰ श॰, पृ॰ ७० ।
२. हाथी की सुँड़ ।
३. सुर्य या चंद्रमा की किरण ।
४. ओला । पत्थर ।
५. प्रजा के उपार्जित धन में से राजा का भाग । मालगुजारी । महसुल । टैक्स । क्रि॰ प्र॰—चुकना ।—चुकाना ।—देना ।—बाँधना ।—लगना ।—लगाना ।—लेना ।
६. करनेवाला । उत्पन्न करनेवाला । विशेष —इस अर्थ में इस शब्द का प्रयोग केवल योगिक शब्दों में होता है, । जैसे,—कल्याणाकर, सुखकर, स्वास्थ्यकर इत्यादि ।
७. छल । युक्ति । पाखंड । जैसे,—कर, बल, छल । उ॰—कीरतन करत कर सपनेहु मथुरादास न मंडियो ।—नाभा (शब्द॰) ।
कर ^२ प्रत्य॰ [सं॰ कृत] का । उ॰—(क) राम ते अधिक राम कर दासा ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) वै सहब कीन्ह जहाँ लगि कोई । वह नहिं कीन्ह काहु कर होई ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ ३ ।