प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

करवा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ करक]

१. धातु या मिट्टी का टोंटीदार लोटा । बधना । उ॰— इक हाथ करवा दुसर हाथ रसरी त्रिकुटी महल की डगरी पकरी ।— कबीर श॰, भा॰ ३, पृ॰ ४० ।

२. जहाज में लगाने की लोहे की कोनिया या घोड़िया ।—(लश॰) ।

करवा ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कर्क = केकड़ा ] एक प्रकार की मछली जो पँजाब, बँगाल तथा दक्खिन नदियों में पाई जाती है ।

करवा ^३पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ कारा + वा (प्रत्य॰)] श्याम रंगवाला अर्थात् कृष्ण । उ॰— मन लगाइ प्रीति कीजै कर करवा सों ब्रज बीथिन दीजै सोहनी ।— पोद्दार अभि॰ ग्रं॰, पृ॰ १९६ ।