लड़ाई
संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
लड़ाई संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ लड़ना + आई (प्रत्य॰)]
१. आघात करनेवाले शत्रु पर आघात करने की क्रिया । आघात प्रतिघात । एक दूसरे पर वार । एक दूसरे को चोट पहुँचाने की क्रिया या भाव । भिड़त । युद्ध । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । यौ॰—लड़ाई भिड़ाई ।
२. सेनाओं का परस्पर आघात प्रतिघात । संग्राम । जग । युद्ध । जैसे,—दोनों राज्यों के बीच लड़ाई हो रही है । क्रि॰ प्र॰—करना ।—छिड़ना ।—ठनना ।—मचना ।—होना । मुहा॰—लड़ाई का मैदान = रणक्षेत्र । लड़ाई पर जाना = योद्धा या सैनिक के रूप में रणक्षेत्र में जाना ।
३. एक दूसरे को पटकने का प्रयत्न । मल्लयुद्ध । कुश्ती ।
४. परस्पर कठोर शब्दों का व्यवहार । वाग्युद्ध । झगड़ा । कलह । तकरार हुज्जत । कहा सुनी । यौ॰—लड़ाई झगड़ा ।
५. वादविवाद । बहस ।
६. दो वस्तुओं का वेग के साथ एक दूसरी से जा लगना । टक्कर ।
७. विरोधी या प्रतिपक्षी के व्यव- हार से अपनी रक्षा करने और उसे विफल करने का परस्पर प्रयत्न । व्यवहार या मामले में सफलता के लिये एक दूसरे के विरुद्ध प्रयत्न या चाल । जैसे,—जमीन के लिये अदालत में लड़ाई ।
८. अनवन । विरोध । बैर । बिगाड़ । दुश्मना । जैसे,—उन दोनों में आजकल लड़ाई है ।