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संज्ञा

  1. तकरार, लड़ाई, विवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

झगड़ा संज्ञा पुं॰ [देशी झगड़ या हिं॰ झकझक से अनु॰] दो मनुष्यों का परस्पर आवेशपूर्ण विवाद । लड़ाई । टंटा । बखेड़ा । कलह । हुज्जत । तकरार । क्रि॰ प्र॰—करना ।—उठाना ।—समेटना ।—डालना ।— फैलाना ।—तोड़ना ।—खड़ा करना ।—मचाना ।—लगाना । यौ॰—झगड़ा बखेड़ा । झगड़ा झमेला । मुहा॰—झगड़ा खड़ा होना = झगड़ा पेदा होना । झगड़ा खरीदना = अकारण कोई ऐसी बात कह देना जिससे अनायास झगड़ा खड़ा हो जाय । उ॰—शेख जी जहाँ बैठते हैं झगड़ा जरूर खरीदते हैं ।—फिसाना॰, भा॰ १, पृ॰ १० । झगड़ा मोल लेना = दे॰ 'झगड़ा खरीदना' ।