रात
हिंदी
सम्पादनव्युत्पत्ति १
सम्पादनSauraseni Prakrit 𑀭𑀢𑁆𑀢𑀺 (रत्ति) से, संस्कृत रात्रि से।
संज्ञा
सम्पादनरात (rāt)
- वह समय जब बाहर अंधेरा हो जाता है, क्योंकि सूर्य का प्रकाश धरती की इस ओर तक नहीं पहुँच पाता
अनुवाद
सम्पादनव्युत्पत्ति २
सम्पादनSauraseni Prakrit 𑀭𑀢𑁆𑀢 (रत्त) से, संस्कृत रक्त से।
संज्ञा
सम्पादनलुआ त्रुटि मॉड्यूल:gender_and_number में पंक्ति 77 पर: The tag "पु" in the gender specification "पु" is not valid.।
- (पुरानी हिंदी) रक्त के रंग का, लाल
- जायसी ग्रंथावली, पृ॰ ११९
- कँवल चरन आति रात बिसेखे ।
रहहिं पाट पर पुहुमि न देखे ।- kãval caran āti rāt bisekhe .
rahhĩ pāṭ par puhumi na dekhe . - (please add an English translation of this usage example)
- kãval caran āti rāt bisekhe .
- जायसी ग्रंथावली, पृ॰ ११९
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनरात संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ रात्रि] समय का वह भाग जिसमें सूर्य का प्रकाश हम तक नहीं पहुँचता । संध्या से प्रातःकाल तक का समय । दिन का उलटा । पर्या॰—रजनी । निशा । शर्वरी । निशि । विभावरी । मुहा॰—रात दिन= सर्वदा । सदा । हमेशा । यौ॰—रातराजा= उल्लू । रातरानी= एक पौधा और उसका फूल जो रात में फूलता है । रजनीगंधा ।
रात ^२ वि॰ [सं॰] प्रदत्त । दिया हुआ [को॰] ।
रात पु ^३ वि॰ [सं॰ रक्त] लाज । रक्त वर्ण का । उ॰— कँवल चरन आति रात बिसेखे । रहहिं पाट पर पुहुमि न देखे ।— जायसी ग्रं॰ (गुप्त॰), पृ॰ १९९ ।