बोझ
संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
बोझ संज्ञा पुं॰ [?]
१. ऐसा पिंड जिसे गुरुत्व के कारण उठाने में कठिनता हो । ऐसी राशि या गट्ठर या वस्तु जो उठाने या ले चलने में भारी जान पड़े । भार । जैसे,—तुमने मन भर का बोझ उसके सिर पर लाद दिया, वह कैसे चले । क्रि॰ प्र॰—उटना ।—उठाना ।—उतरना ।—उतारना ।— लदना ।—लादना ।—होना ।
२. भारीपन । गुरुत्व । वजन । जैसे,—इसका कुछ बहुत बोझ नहीं ।
३. कोई ऐसा कठिन काम जिसके पूरे होने की चिंता बराबर बनी रहे । मुश्किल काम । कठिन बात । जैसे,— (क) बड़ा भारी बोझ तो कन्या का विवाह है । (ख) एक लड़के को अपने यहाँ रखना बोझ हो रहा है ।
४. कठिन लगनेवाली बात पूरी करने की चिंता,खटका या असमंजस ।