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संज्ञा

पु.

  1. एक छोटा व्यक्ति (आदमी) जो शिशु से बड़ा है।

उच्चारण

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

बच्चा होने के पीछे प्रसूता का कुछ दिनों के लिये अपने माँ बाप या और संबंधियों के यहाँ जाना । पाँव फैलाना = (१) अधिक पाने के लिये हाथ बढ़ाना । मुँहबाना । पाकर भी अधिक का लोभ करना । जैसे,—बहुत पाँव न फैलाओ अव और न देंगे । (२) बच्चों की तरह अड़ना । हठ करना । जिद करना । मचलना । (विशेष दे॰ 'पाँव पसारना) । पाँव बढ़ाना) = (१) चलने में पैर आगे रखना । (२) बड़े बड़े डग रखना । फाल भरना । जल्दी जल्जी चलना । (३) अधिकार बढ़ाना । अतिक्रमण करना । पाँव बाहर निकालना = दे॰ 'पाँव निकलना' । पाँव बाहर निकालना = दे॰ 'पाँव निकलना' । पाँव बिचलना = (१) पैर इधर उधर हो जाना । पैर का ठीक न पड़ना या जमा न रहना । पैर फिसलना । पैर रपटना । जैसे,—कीचड़ में पाँव फिसल गया । (२) स्थिर न रहना । दृढ़ता न रहना । (३) धर्म पर स्थिरता न रहना । ईमान डिगना । नीयत में फर्क आना । पाँव भर जाना = थकावट से पैर में बोझ सा मालूम होना । पैर थकना । पाँव भारी होना = पेट होना । गर्भ रहना । हमल होना । किसी से पाँव भी न धुलवाना = किसी को अपनी तुच्छ सेवा के योग्य भी न सम- झना । अत्यंत तुच्छ और छोटा समझना । पाँव में क्या मेंहदी लगी है? = क्या पैर में मेंहदी लगाकर बैठे हो कि छूटने के डर से जाना या कोई काम करना नहीं चाहते? (व्यंग्य) । पाँव में बेड़ी पड़ना = किसी प्रकार के बंधन या जंजाल में फँसना । जैसे, गृहस्थी या बाल बच्चों के । पाँव में सिर देना = दे॰ 'पाँव पर सिर रखना' । पाँव रगड़ना = (१) क्लेश या पीड़ा से पैर हिलाना या पीटना । छटपटाना । (२) बहुत दौड़ धूप करना । बहुत हैरान होना । बहुत कोशिश करना । पाँव रह जाना = (१) पैरों का अशक्त हो जाना । पैरों का काम देने लायक न रहना । (२) थकावट से पैरों का बेकाम हो जाना । जैसे,—चलते चलने पाँव रह गए । पाँव रोपना = अड़ना । प्रण करना । प्रतिज्ञा करना । पाँव लगना = (१) पैर छूना । प्रणाम करना । चरण-स्पर्श-पूर्वक नमस्कार करना । (२) पैर पड़ना । विनती करना । पाँव लगा होना = ऐसा स्थान जहाँ अनेक बार पैर पड़ चुके हो, अर्थात् आना जाना हो चुका हो । घूमा फिरा हुआ होना । बार बार आते जाते रहने के कारण परिचित होना । जैसे,— वहाँ की जमीन पाँव लगी हुई है ठीक जगह आपसे आप पहुँच जाता हूँ । पाँव समेटना = (१) पैर खींच कर मोड़ना जिससे वह दूर तक फैला न रहे । पैर सुकेड़ना । (२) किनारा खींचना । दूर रहना । लगाव न रखना । तटस्थ होना । (३) मरना । (४) इधर उधर घूमना छोड़ना । पाँव सुकेड़ना = पाँव समेटना । पैर फैला न रहने देना । पाँव से पाँव बाँधकर रखना = (१) बराबर अपने पास रखना । पास से अलग न होने देना । (२) बड़ी चौकसी रखना । निगाह के बाहर न होने देना । पाँव सो जाना = (१) पैर सुन्न हो जाना । स्तब्ध हो जाना । (२) पैर झन्ना उठना । (किसी के) पाँव न होना = ठहरने की शक्ति या साहस न होना । द्दढ़ता न होना । जैसे,—चोर या शराबी के पाँव नहीं होते । धरती पर पाँव न रहना = (१) बहुत घमंड होना । घमंड या शेखी के मारे सीधे पैर न पड़ना । (२) आनंद के मारे अंग स्थिर न रहना । फूले अंग न समाना । धरती पाँव न रखना = घमंड के मारे सीधे पैर न धरना । बहुत ऊँचा होकर चलना । घमंड या शेखी से फूलना । इतराना । आनंद के मारे उछलना । बहुत प्रसन्न होना ।

बच्चा ^१ संज्ञा पुं॰ [फा॰ बच्चह्, तुल॰ सं॰ वत्स, प्रा॰ बच्छ] [स्त्री॰ बच्ची]

१. किसी प्राणी का नवजात ओर असहाय शिशु । जैसे, गाय का बच्चा, हाथी का बच्चा, मुर्गी का बच्चा इत्यादि । मुहा॰— बच्चा देना = प्रसव करना । गर्भ से उत्पन्न करना ।

२. लड़का । बालक । मुहा॰— बच्चों का खेल= बहुत सुगम कार्य । सहज काम ।

३. बेटा । पुत्र । उ॰— चंगाह चंद बच्चा बचन इह सलाम करि कथ्थिया ।— पृ॰ रा॰ ६४ । १५४ । यौ॰—बच्टे कच्चे = बाल बच्चे । बड़े छोटे लड़के लड़कियाँ । बच्चेबाज = समलैंगिक मैथुन करनेवाला ।

बच्चा ^२ वि॰ अज्ञान । अनजान । जैसे,— अभी तुम इस कार्य में बच्चे हो ।

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