संज्ञा

उदाहरण

क्रिया (स्त्री.)

  1. आना, जाना, रहना, पढ़ना इत्यादि।

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

क्रिया ।

२. लगातार एक ही बिषय का बार बार चितन करने से मन या मस्तिष्क की एकाग्रता ।

क्रिया संज्ञा स्त्री॰ '[सं॰]

१. किसी प्रकार का व्यापार । किसी काम का होना या किया जाना । कर्म ।

२. प्रयत्न । चेष्टा । हिलना । डोलना

३. अनुष्ठान । आरंभ ।

४. व्याकरण का वह अंग, जिससे किसी व्यापार का करना या कराना पाया जाय । जैसे, आना, जाना, मारना, इउत्यादि ।

५. शौच आदि कर्म । नित्यकर्म । स्नान, संध्या, तर्पण, आदि कृत्य । उ॰—प्रात क्रिया करि गे गुरु पाही । महाप्रमोद प्रेम मन माही ।— तुलसी (शब्द॰) ।

६. श्रांद्ध आदिप्रेतकर्म । उ॰—अविरल भगति माँगि बर गीध गयउ हरिधाम । तेहि की क्रिया यथोचित निज कर कीन्हीं राम ।—तुलसी (शब्द॰) । यौ॰—क्रिया कर्म = मृतक कर्म । अंत्येष्टि क्रिया ।

७. प्रायशिच्त आदि कर्म ।

९. उपाय । उपचार । चिकित्सा ।

९. न्याय या विचार का साधन । मुकदमे की कार्रवाई ।

१०. अध्रापन । शिक्षण (को॰) ।

११. किसी कला पर आधिपत्य या उसका ज्ञान (को॰) ।

१२. आचरण । व्यवहार (को॰) ।

१३. कार्य की विधि (को॰) ।

१४. कोइभी साहित्यिक रचना (को॰) ।