कार
अर्थ
यह शब्द किसी अन्य शब्द की संधि करने हेतु हिन्दी शब्द के पीछे लगाया जाता है। इसका अर्थ उस कार्य को करने वाला या बनाने वाला होता है। उदाहरण के लिए गीतकार गीत बनाता है।
उदाहरण
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
कार ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. क्रिया । कार्य । जैसे,—उपकार, स्वीकार, अहंकार, बलात्कार, चमत्कार । विशेष—यौगिक अर्थों ही में इसका प्रयोग होता है ।
२. करनेवाला । बनानेवाला । रचनेवाला । व्यवसाय करनेवाला । जैसे,—कुंभकार, ग्रंथकार, स्वर्णकार, चर्मकार ।
३. एक शब्द जो वर्णमाला के अक्षरों के आगे लगकर, उनका स्वतंत्र बोध कराता है । जैसे,—चकार, लकार, मकार इत्यादि ।
४. एक शब्ज दो अनुकृत ध्वनि साथ लगकर उसका संज्ञावत् बोध कराता है । जैसे,—फूत्कार, चीत्कार, झनकार, फुफकार, सिसकार, टंकार, फटकार ।
५. बर्फ से ढका पहाड़ हिमालय ।
६. पूजा की बलि ।
७. पति ।
८. चेष्टा । प्रयत्न । यत्न । (को॰) ।
९. धार्मिक पवित्रता (को॰) ।
१०. निश्चय (को॰) ।
११. शक्ति (को॰) ।
१२. हिमराशि (को॰) ।
१३. ओले या हिम का जल (को॰) ।
१४. वध । हनन (को॰) ।
कार ^२ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰] कार्य । काम । धंधा । यौ॰—कारगुजारी । कारबार । कार्रवाई ।
कार ^३ संज्ञा स्त्री॰ [अं॰]
१. गाड़ी । सवारी ।
२. मोटर गाड़ी । मोटर कार ।
कार ^४ पु † वि॰ [हिं॰ काला] [वि॰ स्त्री॰ कारी] काला । कृष्ण । उ॰—रावन पाय जो जिउ धरा दुवौ जगत महँ कार ।— जायसी (शब्द॰) ।