काम
संज्ञा
लुआ त्रुटि मॉड्यूल:links/templates में पंक्ति 30 पर: The parameters "1" are required.।
अनुवाद
यह भी देखिए
- काम (विकिपीडिया)
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
काम ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [कामुक, कामी]
१. इच्छा । मनोरथ । यौ.—कामद । कामप्रद ।
२. महादेव ।
३. कामदेव ।
४. इंद्रियों की अपने अपने विषयों की ओर प्रवृत्ति (कामशास्त्र) ।
५. सहवास या मैथुन की इच्छा ।
६. चतुर्वर्ग या चार पदार्थों में से एक ।
७. प्रघुम्न (को॰) ।
८. बलराम (को॰) ।
९. ईश्वर (को॰) ।
१०. प्रेम (को॰) ।
११. वीर्य (को॰) । शुक्र (को॰) ।
१२. एक प्रकार का आम (को॰) ।
काम ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कर्म, प्रा॰ कम्म]
१. वह जो किया जाय । गति या क्रिया जो किसी प्रयत्न से उत्पन्न हो । व्यापार । कार्य । जैसे,—सब लोग अपना अपना काम कर रहैं । क्रि॰ प्र॰—करना ।—बिगडना ।—होना । यौ॰—कामकाज । कामधंधा । कामधाम । कामचोर । मूह॰—काम अटकना = काम रुकना । हर्ज होना । जैसे—उनके बिना तुम्हारा कौन सा काम अटका है । काम आना = मारा जाना । लडाई में मारा जाना । जैसे,—उस लडाई में हजारों सिपाही काम आए । काम कर दिखाना = महत्वपुर्ण काम करना ।उ॰—जम गए काम कर दिखाएँगे । कौन से काम है नहीं कस के ।—चुभते; पृ॰ २६ । काम करना = (१) प्रभाव डालना । असर करना । जैसे—यह दवा ऐसी बीमारी में कुछ काम न करेगी । (२) प्रयत्न में कृतकार्य होना । जैसे—यहाँ पर बुद्धि कुछ काम नहीं करता । (३) संभोग करना । मैथुन करना—(बाजारी) । काम के सिर होना या काम सिर होना = काम में लगना । जैसे—महीनों से बेकार बैठे थे, काम के सिर हो गए, अच्छा हुआ । काम चलना = (१) काम जारी रहना । क्रिया संपादन होना । जैसे—सिंचाई का काम चल रहा है । काम चलना = काम जारी रखना । धंधा चलता रखना । काम छेडना = कार्य आरंभ करना ।उ॰— काम छेडा छूटता छोडे नहीं । टूटता है दम रहे तो टूटता ।—चुभते॰, पृ॰१३ । काम तमाम या काम आखिर करना = (१) काम पूरा करना । (२) मार डालना । जान लेना । घात करना । कामतमाम या आखीर होना = (१) काम पूरा होना । काम समाप्त होना । (२) मरना । जान से जाना । जैसे—एक डंडे में साँप का काम तमाम हो गया । काम देखना = (१) किसी चलते हुए कार्य की देखभाल करना । काम की जाँच करना । (२) अपने कार्य या मतलब की ओर ध्यान रखना । जैसे— तुम अपना काम देखो, तुम्हे इन झगडों से क्या मतलब । काम बँटना = किसी काम में शरीक होना । किसी काम में सहायता करना । सहायक होना । काम बनना = मामला बनना । बात बनना । काम बिगडना = बात बिगडना । मामला बिगडना । काम भुगतना = काम निपटाना । काम पूरा होना । काम भुगताना = कार्य समाप्त करना । काम पूरा करना । काम लगाना = काम जारी होना । कार्य का विधान होना । किसी वस्तु के निर्मित करने का अनुष्ठान होना । जैसे—(क) महीनों से काम लगा है, पर मंदिर अभी तैयार नहीं हुआ । (ख) जहाँ पर काम लगा है, वहाँ जाकर देखभाल करो । काम लगा रहना = व्यापार जारी रहना । जैसे—कोई आता है, कोई जाता है, यही काम दिन रात लगा रहता है । (किसी व्यक्ति से) काम लेना = कार्य में नियुक्त करना । कार्य कराना । काम सीझना = काम सिद्ध या पूरा होना । उ॰—प्रसन्न होइ शिव शिवा काम सिझे सुइँद जस:—पृ॰ रा॰ २५ । ३४ । काम होना = (१) मरना प्राण जाना । जैसे—गिरते ही उनका काम हो गया । (२) अत्यंत कष्ट पहुँचना । जैसे—तुम्हारा क्या उठाने वाले का काम होता था ।
२. कठिन काम । मुश्किल बात । शक्ति या कौशल का कार्य । जैसे—वह नाटक लिखकर उन्होंने काम किया । मुहा॰—काम रखता है । बडा कठिन कार्य है । मुश्किल बात है । जैसे—इस भीड में से होकर जाना काम रखता है ।
३. प्रीयजन । अर्थ । मतलब । उद्देश्य । जैसे—हमारा काम हो जाय तो तुम्हें प्रसन्न कर देंगे । मुहा॰—काम करना = अर्थ साधना । मतलब निकालना । जैसे— वह अपना काम कर गया, तुम ताकते ही रह गए । काम का = जिससे कोई प्रयोजन निकले । जिनसे कोई उद्देश्य सिद्ध हो । जो मतलब का हो । जैसे—काम का आदमी । काम चलना = प्रयोजन निकालना । अर्थ सिद्ध होना । अभीप्राय साधन होना । कार्यनिर्वाह होना । जैसे इतने से तुम्हारा काम नहीं चलेगा । काम चलाना = प्रयोजन निकालना । अर्थ सिद्ध करना । कार्यनिर्वाह करना । आवश्यकता पुरी करना । जैसे—इस वर्ष इसी से काम चलाओ । काम निकालना = (१) प्रयोजन सिद्ध होना । उद्देश्य पूरा होना । मतलब गँठना । जैसे—काम निकल गया, अब क्यों हमारे यहाँ आवेंगे ? उ॰— मुफ्त निकले काम तो क्यों खर्चे दाम ? । (२) कार्य निर्वाह होना । आवश्यकता पूरी होना । जैसे इतने से कुछ काम निकले तो ले जाओ । काम निकालना = (१) प्रयोजन साधना । मतलब गाँठना । जैसे—वह चालाक आदमी है, अपना काम निकाल लेता है । (२) कार्यनिर्वाह करना । आवश्यकता पूरी करना । जैसे—तब तक इसी से काम निकालो, फिर देखा जायगा । काम पडना = आवश्यकता होना । प्रयोजन पडना । दरकार होना । जैसे,—जब काम पडेगा, तुमसे माँग लेंगे । काम बनाना = अर्थ साधना ।
काम न चले । प्रयोजनीय ।
२. जो अवश्य होना चाहिए । आवश्यक । सापेक्ष्य ।