संज्ञा

 
नीले आसमान की तस्वीर

आसमान

  1. आकाश का हिस्सा है जो एक विशिष्ट स्थान से या एक विशिष्ट समय में देखा जा सकता है।
  2. एक दिया बिंदु से ऊपर का वातावरण खासकर दिन के दौरान जमीन से दिखाई देने वाला वातावरण।

पर्यायवाची

  1. अम्बर
  2. आकाश
  3. गगन
  4. नभ

अनुवाद

यह भी देखिए

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

आसमान संज्ञा पुं॰ [फा॰ मि॰ वै॰ सं॰ अश्मन्=आकाश]

१. आकाश । गगन ।

२. स्वर्ग । देवलोक । उ॰— चहूँ ओर सब नगर के लसत दीवालै चारु । आसमान तजि जनु रह्यो गीरवान परिवारु ।—गुमान (शब्द॰) । मुहा॰—आसमान के तारे तोड़ना = कोई कठिन या असंभव कार्य़ करना । जैसे, —कहो तो मैं तुम्हारे लिये आसमान के तारे तोड़ लाऊँ । आसमान जमीन के कुबाले मीलाना = (१) खूब लंबी चौड़ी हाँकना । खूब बढ़ चढ़कर बातें करना । (२) गहरा जोड़ तोड़ लगाना । विकट कार्य करना । आसमान झाँकना या ताकना = (१) घमंड़ से सिर ऊपर उठाना । तनना । (२) मु्र्गेबाजों की बोली में मुर्ग का मस्त होकर लड़ने के लिये तैयार होना । झड़प चाहना । (जब मुर्ग जोश में भरता है तब आस— मान की ओर देखकर नाचता है । इसी से यह मुहाविरा बना है) । जैसे,—अब तो मुर्गा आसमान झुँकने लगा । आसमन टूट पड़ना = किसी बिपत्ति का अचानक आ पड़ना । वज्रपात होना । गजब पड़ना । जैसे, —क्यों इतना झूठ बोलते हो , आसमान टूट पड़ेगा । आसमान दिखाना = (१) कुश्ती में पछाड़कर चित्त करना । (२) पराजित करना । प्रतिपक्षी को हराना । आसमान पर उड़ना =(१) इतराना । गरूर करना । (२) बहुत ऊँचे ऊँचे संकल्प बाँधना । ऐसा कार्य करने का विचार प्रकट करना जो सामर्थ्य से बाहर हो । बहुत बढ़ बढ़कर बातें करना । डींग हाँकना । असमान पर चढ़ना = गरूर करना । घमंड़ दिखाना । शेखी मारना । सिट्ट मारना । जैसे,— (क) कौन सा ऐसा काम कर दिखाया है जो आसमान पर चढ़े जाते हो ।(ख) उनका मिजाज आजकल आसमान पर चढ़ा है । आसमार पर चढ़ाना = (१) अत्यंत प्रशंसा करना । जैसे,—आप जिसपर कृपा करने लगते हैं उसे आसमान पर चढ़ा देते हैं । (२) अत्यंत प्रशंसा करके किसी को फुला देना । तारीफ करके मीजाज बिगड़ा देना । जैसे,—तुमने तो और उसको आसमान पर चढ़ा रखा है, जिसके करण वह किसी को कुछ समझता ही नहीं । आसप्तान पर थूकना = किसी महात्मा के ऊपर लांछन लगाने के कारण स्वयं निंदित होना । किसी सज्जन के अपमानित करने के कारण उलटे आप तिरस्कृत होना । आसमान फट पड़ना = दे॰ 'आसमान टूट पड़ना' । उ॰—फिक्र यह है कि दुनियाँ क्यों कर कायम है, आसमान फट क्यों नहीं पड़ता ।—फिसाना॰, भा॰ ३, पृ॰ ९४ । आसमान में थिगली लगाना = विकट कार्य करना । जहाँ किसी की गति न हो वहाँ पहुँचना । जैसे, — कुटनियाँ आसमान में थिगली लगाती हैं । आसमान में छेद करना = दे॰ 'आसमान में थिगली लगाना' । असमान सिर पर उठान = (१) ऊधम मचाना । उपद्रव मचाना । (२) हलचल मचाना । खूब आंदोलन करना । धूम मचाना । आसमान सिर पर टूट पड़ाना = दे॰ 'आसमान टूट पड़ना' । आसमान से गिरना = (१) अकारण प्रकट होना । आप से आप आ जाना । जैसे, —अगर यह पुस्तक तुमने यहाँ नहीं रखी तो क्या आसमान से गिरी है ? (२) अनायास प्राप्त होना । बिना परिश्रम मिलना । जैसे, —कुछ काम धाम करते नहीं रुपया क्या आसमान से गिरेगा ? आसमान से बातें करना = आसमान छूना । आसमान तक पहुँचना । बहुत ऊँचा होना । जैसे, — माधवराय के दोनों धरहरे आसमान से बातें करते है । (हाल ही में एक धरहरा कमजोर होने से गिर गया । अब एक ही है) । दिमाग आसमान पर होना = बहुत अभिमान होना ।