अंगुल
संज्ञा पुल्लिंग
प्रयोग
- साठि सु अंगुल लोहय किल्ली। - चंदवरदाई (पृथ्वीराज रासो, ३ ।२२)
संबंधित शब्द
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अंगुल संज्ञा पुं॰ [सं॰ अङ्गुल]
१. लंबाई की एक नाप । एक आयत परिमाण । आट जौ के पेट की लंबाई । आठ यवोदर का परिमाण । उ॰—साठि सु अंगुल लोहय किल्ली ।—पृ॰ रा॰, ३ ।२२ । विशेष—१२ अंगुल का एक बिता और दो बित्ते का एक हाथ होता है ।
२. ग्रास या बारहवाँ भाग (ज्यो॰) ।
३. उँगली । अंगुलि ।
४. अंगुठा ।
५. चाणक्य या वात्स्यायन का एक नाम [को॰] ।