हौका संज्ञा पुं॰ [अनु॰ हाव ( = मुँह बाने का शब्द)] १. मरभुखापन । खाने का गहरा लालच । २. प्रबल लोभ । तृष्णा । ३. हड़बड़ी या घबराहट । हौलदिली । उ॰—रुस्तम अली की अम्मा अपने जी के हौके में मरी जा रही थी ।—शतरंज॰, पृ॰ १६ ।