होर ^१ वि॰ [अनु॰] ठहरा हुआ । चलने से रुका हुआ । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।
होर ^२ संज्ञा पुं॰ [पं॰] ओर । मार्ग । राह । उ॰—असाँनूँ चेटक लाइ गया की कराँ कुछ होर न सुझदा ।—घनानंद॰, पृ॰ ३४० ।
होर ^३ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰] रवि । सूरज । सूर्य [को॰] ।