प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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हेर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. किरीट ।

२. हलदी ।

३. आसुरी माया ।

हेर पु † ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ हेरना] ढूँढ़ना । तलाश । खोज ।

हेर ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ अहेर] आखेट । दे॰'अहेर' ।

हेर फेर संज्ञा पुं॰ [हिं॰ हेरना+फेरना]

१. घुमाव । चक्कर ।

२. वचन की वक्रता । बात का आडंबर । जैसे,—हमें हेर फेर की बात नहीं आती ।

३. कुटिल युक्ति । दावँ पेच । चाल ।

४. अदल बदल । उलट पलट । इधर का उधर और उधर का इधर होना । क्रमविपर्यय । जैसे,—अक्षरों का हेर फेर हो गया ।

५. अंतर । फर्क । जैसे,—दोनों के दाम में पाँच रूपए का हेर फेर है ।

६. अदला बदला । विनिमय । लेन देन या खरीद फरोख्त का व्यवहार । जैसे,—वहाँ नित्य लाखों का हेर फेर होता है । उ॰—वह अपने व्यवसाय को लेकर मस्त रहता था । लाखों का हेर फेर करने में उसे उतना ही सुख मिलता था जितना किसी विलासी को विलास में । —कंकाल, पृ॰ १६३ ।