हेमाद्रि
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनहेमाद्रि संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. सुमेरु पर्वत ।
२. एक प्रसिद्ध ग्रंथकार । विशेष—यह ईसा की १३वीं शताब्दी में विद्यमान थे और इन्होंने पाँच खंडों में, जिनके नाम क्रमशः दान, व्रत, तीर्थ, मोक्ष और परिशेष हैं, चतुर्वर्गचिंतामणि नामक एक बड़ा ग्रंथ लिखा है जो अपने विषय का प्रामाणिक ग्रंथ माना जाता है ।