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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

हे ^१ अव्य॰ [सं॰] संबोधन शब्द । पुकारने में नाम लेने के पहले कहा जानेवाला शब्द ।

हे पु † ^२ क्रि॰ अ॰ ब्रज 'हो' (= था) का बहुवचन । थे । उ॰— जहँ के सहज विनोद हे मोहन मन के ।—प्रेमघन॰, भा॰ १, पृ॰ ३ ।