प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

हुलिया संज्ञा पुं॰ [अ॰ हुलियह्]

१. शकल । आकृति । रूपरंग ।

२. चेहरा । मुख ।

३. किसी मनुष्य के रूपरंग आदि का विवरण । शकल सूरत और बदन पर के निशान वगैरह का ब्यौरा । मुहा॰—हुलिया कराना या लिखाना = किसी भागे हुए, खोए हुए या लापता आदमी का पता लगाने के लिये उसकी शकल सूरत आदि पुलिस में दर्ज कराना । हुलिया तंग करना = किसी को अत्यंत परेशान करना । हुलिया तंग होना = झंझट में पड़ना । परेशानी में पड़ना । हुलिया बताना अथवा बयान करना = किसी के रूप, रंग, शकल, सूरत और शारीरिक चिह्न वगैरह का विवरण बताना । हुलिया बिगड़ना = किसी की बुरी हालत होना । किसी की गत बनना । हुलिया बिगाड़ देना या बिगाड़ना = ऐसा मारना कि चेहरा और चाल आदि पूर्ववत् न रह जाय । यौ॰—हुलियानामा = किसी मनुष्य के शकल सूरत और शरीर के विशेष निशान का विवरणपत्र ।