प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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हुक्म संज्ञा पुं॰ [अ॰]

१. बड़े का वचन जिसका पालन कर्तव्य हो । कुछ करने के लिये अधिकार के साथ कहना । आज्ञा । आदेश । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । मुहा॰—हुक्म उठाना=(१) हुक्म रद्द करना । आज्ञा फेरना । हुक्म जारी न रखना । (२) आज्ञा पालन करना । सेवा करना । अधीनता में रहना । हुक्म उलटाना=आज्ञा का निराकरण करना । एक आज्ञा के विरुद्ध दूसरी आज्ञा प्राप्त करना । हुक्म की तामील=आज्ञा का पालन । हुक्म के मुताबिक कार्र- वाई । हुक्म चलना=अधिकार होना । किसी की हुक्मत होना । हुक्म चलाना=(१) आज्ञा प्रचलित करना । (२) आज्ञा देना । अधिकारपूर्वक दूसरे को कुछ करने के लिये कहना । बड़प्पन दिखाने हुए दूसरे को काम में लगाना । जैसे,—बैठे बैठे हुक्म चलाते हो, खुद जाकर क्यों नहीं करते ? हुक्म जारी करना= आज्ञा का प्रचार करना । हुक्म तोड़ना=आज्ञा भंग करना । आदेश के विरुद्ध कार्य करना । बड़े के वचन का पालन न करना । हुक्म देना=आज्ञा करना । हुक्म बजाना या बजा लाना=(१) आज्ञा पालन करना । बड़े के कहे अनुसार करना । (२) सेवा करना । हुक्म मानना=आज्ञा दिया जाना । आदेश होना । जैसे,—मुझे क्या हुक्म मिलता है ? जो हुक्म= जो हुक्म होता है, उसे मैं करूँगा । (नौकर) ।

२. कुछ करने की स्वीकृति । अनुमति । इजाजत । जैसे,—(क) सवारी निकालने का हुक्म हो गया । (ख) घर जाने का हुक्म मिल गया । मुहा॰—हुक्म लेना=आज्ञा प्राप्त करना । अनुमति लेना । जैसे,—तुम्हें हुक्म लेकर जाना चाहिए था ।

३. अधिकार । प्रभुत्व । शासन । इख्तियार । जैसे,—हुक्म बना रहें । (आशीर्वाद) । मुहा॰—हुक्म में होना=अधिकार में होना । अधीन होना । शासन में होना । जैसे,—(क) मैं तो हर घड़ी हुक्म में हाजिर रहता हूँ । (ख) यह किसी के हुक्म में नहीं है, मनमानी करता है ।

४. किसी कानुन या धर्मशास्त्र की आज्ञा । विधि । नियम । शिक्षा । उपदेश ।

५. ताश का एक रंग जिसमें काले रंग का पान बना रहता है ।