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संज्ञा

अनुवाद


प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

हाँ ^१ अव्य [सं॰ आम्]

१. स्वीकृतिसूतक शब्द । संमतिसूचक शब्द । वह शब्द जिसके द्वारा यह प्रकट किया जाता है कि हम यह बात करने को तौयार हैं । जैसे,—प्रश्न—तुम वहाँ जाओगे ? उत्तर—'हाँ' ।

२. एक शब्द जिसके द्वारा यह प्रकट किया जाता है कि वह जो पूछी जा रही है, ठीक है । जैसे,—प्रश्न— तुम वहाँ गए थे ? उत्तर—हाँ । मुहा॰—हाँ करना = (१) स्वीकार होना । संमत होना । राजी होना (२) ठीक मान लेना । यह मानना कि कोई बात ऐसी ही है । हाँ न करना = इधर उधर की बात कहकर जल्दी स्वीकार न करना । न मानना । न राजी होना । हाँ हाँ करना = (१) स्वीकारसूचक शब्द कहना । मान लेना । जैसे,—अभी तो हाँ हाँ कर रहा है, पीछे धोखा देगा । (२) बात न काटना । 'ठीक है' 'ठीक है' कहना । (३) खुशामदकरना । हाँ जो हाँ जी करना = (१) खुसामदकरना । चापलूसू करना । स्वार्थ या दबाव वश समर्थन करना । उ॰—जिसके धर में रहना । ऊँट बिलैया ले गई तो हाँ जी हाँ जी कहना । (कहावत) । हाँ में हाँ मिलना = (१) बिना बिचार किए बात का समर्थन करना । प्रसन्न करने के लिये किसी के मन की बात कहना । (२) खुशामद करना । चापलूसी करना ।

३. कोई बात स्वीकार न करने पर भी दूसरे रूप में स्वीकार सूचित करनेवाला शब्द । वह शब्द जिसके द्वारा किसी बात का दूसरे रूप में, या अंशतः माना जाना प्रकट किया जाता है । यह बात तो नहीं है या ऐसा तो मैं नहीं कर सकता पर इतना हो सकता है, या इतनी बात मानी जा सकती है । जैसे,—(क) तुम्हें हम अपने साथ तो न ले चलेंगे, हाँ, पीछे से आ सकते हो । (ख) हमारे सामने तो वह कुछ नहीं कहता; हाँ औरों से कहता हो तो नहीं जानते ।

४. मना करना, वारण करना, बरजना आदि अर्थों में प्रयुक्त शब्द ।

हाँ हाँ अव्य॰ [हिं॰ अहाँ ( = नहीं)] निषेध या वारण करने का शब्द । वह शब्द जिसे बोलकर किसी को कोई काम करने से चटपट रोकते हैं । जैसे,—हाँ हाँ ! यह क्या कर रहे हो ?