हरी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनहरी ^१ वि॰ स्त्री॰ [हिं॰ 'हरा' का स्त्री॰] हरित । सब्ज ।
हरी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. एक वृत्त का नाम जिसमें १४ वर्ण होते हैं तथा जिसके प्रत्येक चरण में जगण, रगण, जगण, रगण, और अंत में लघु गुरु होते हैं । इसे 'अनंद' भी कहते हैं ।
२. कश्यप की क्रोधवशा नाम की पत्नी के गर्भ से उत्पन्न दस कन्याओं में से एक जिससे सिंह, बंदर आदि पैदा हूए थे ।
हरी पु † ^३ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ हर ( = हल)] जमींदार के खेत की जुताई में असामियों का हल बैल देकर या काम करके सहायता करना ।
हरी ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰ हरि] दे॰ 'हरि' ।
हरी कसीस संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ हीरा + कसीस] दे॰ 'हीरा कसीस' ।
हरी चाह संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ हरी + चाह]
१. एक प्रकार की घास जिसकी जड़ में नीबू की सी सुगन्ध होती है । गंध तृण ।
२. एक प्रकार की चाय जिसकी पत्तियाँ हरी होती हैं ।