हरिणी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनहरिणी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]
१. मादा हिरन । हिरन की मादा ।
२. मंजिष्ठा । मँजीठ । मजीठ ।
३. जर्द चमेली ।
४. कामशास्त्र के अनुसार स्त्रियों की चार जातियों या भेदों में से एक जिसे चित्रिणी भी कहते गैं । विशेष—दो अच्छी जाति की स्त्रियों में यह मध्यम है । यह पद्मिनी की अपेक्षा कम सुकुमार तथा चंचल और क्रीड़ाशील प्रकृति की होती है ।
५. सुंदरी या तरुणी स्त्री (को॰) ।
६. एक वर्णवृत्त का नाम जिसमें सत्रह वर्ण होते है । इसका स्वरूप इस प्रकार है— न स म र स ल गु (III IIS SSS SIS IIS IS) ।
७. दस वर्णों का एक वृत्त । जैसे,—फूलन की सुभ गेंद नई । सुँघि सची जनु डारि दई ।—केशव (शब्द॰) ।
८. सोने की प्रतिमा । स्वर्ण- प्रतिमा (को॰) ।
९. हरित वर्ण । हरा रंग (को॰) ।
१०. हरदी । हरिद्रा (को॰) । यौ॰—हरिणीदूक्=हरिनी के समान चंचल नेत्रवाला । हरिणी- दृशी, हरिणीनयना=हरिणी के समान चंचल नेत्रवाली स्त्री ।