हतक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन
शब्दसागर सम्पादन
हतक ^१ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ हतक (= फाड़ना)]
१. हेठी । बेइज्जती । अप्रतिष्ठा । उ॰—अपने प्यार की इस हतक पर गंगा झल्ला उठी ।—आधा गाँव, पृ॰ ११ ।
२. ढिठाई । धृष्टता । बेअदबी । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । यौ॰—हतक इज्जत । हतक इज्जती ।
हतक ^२ वि॰ [सं॰]
१. दुःशील । दुर्वृत्त । पापात्मा । उ॰—मै जानी ही मिलन तै मिटिहै तन संताप । अब सजनी दूनौ चढयौ हतक मनोजहि दाप ।—स॰ सप्तक, पृ॰ १४४ ।
२. जिसे चोट पहुँचाई गई हो ।
३. दीन दुःखी । दुर्दैवग्रस्त । पीड़ित [को॰] ।
हतक ^३ संज्ञा पुं॰ कायर या नीच, भीरु व्यक्ति [को॰] ।