हकरसी संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ हक़ + फा़॰ रसी] न्याय पाना । इन्साफ पाना । उ॰—ताज की वफादारी, ईमान्दारी, मुल्क का इन्तजाम सब लोगों की हकरसी, और हरेक आदमी के फायदे के लिये इन्साफ करना बहुत जरुरी है ।—श्रीनिवास ग्रं॰, पृ॰ ३८९ ।