प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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हंसपद संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. एक तौल या मान । कर्ष ।

२. हंस के पैर का चिह्व ।

३. किसी छूटे हुए शब्द या अक्षर का सूचक चिह्न । छूटे हुए अक्षर या शब्द के लिये पंक्ति के नीचे बनाया जानेवाला चिह्न । —भा॰ प्रा॰ लि॰, पृ॰ १५० । विशेष —लेखक जब किसी अक्षर या शब्द को भूल से छोड़ जाता तो वह अक्षर या शब्द या तो पंक्ति के ऊपर या नीचे अथवा हाशिये पर लिखा जाता था और कभी वह अक्षर या शब्द किस स्थान पर चाहिए था यह बतलाने के लिये ^ या X चिह्न भी मिलता है जिसको 'काकपद' या 'हंसपद' कहते हैं ।