प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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स्वागत संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. किसी अतिथिया विशिष्ट पुरुष के पधारने पर उसका सादर अभिनंदन करना । संमानार्थ आर्ग बढ़कर लेना । अगवानी । अभ्यर्थना । पेशवाई । जैसे,—उनका स्वागत लोगों ने बड़े उत्साह और उमंग से किया ।

२. एक बुद्ध का नाम ।

स्वागत ^२ वि॰

१. सम्यक् रूप से स्वयं आया हुआ ।

२. सु अर्थात् सुंदर या विधिसंमत उपायों से प्राप्त । जैसे,—धन, द्रव्य आदि [को॰] ।