स्वरु संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. वज्र । २. यज्ञ । ३. वाण । तीर । ४. सूर्य की किरण । ५. एक प्रकार का बिच्छू । ६. धूप (को॰) । यज्ञीय स्तंभ का एक अंश या भाग (को॰) । ८. वृक्ष के तने से काटा हुआ काष्ठ का लंबा अंश, विशेषतः यज्ञस्तंभ (को॰) ।