स्थान वाचक संज्ञा

अपने देश को स्वदेश कहते है।

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

स्वदेश संज्ञा संज्ञा [सं॰] वह देश जिसमें किसी का जन्म और पालन- पोषण हुआ हो । अपना और अपने पूर्वजों का देश । मातृभूमि । वतन । यौ॰—स्वदेशज = अपने देश या वतन का । अपनी मातृभूमि का व्यक्ति । स्वदेशप्रेम = दे॰ 'स्वदेशभक्ति' । स्वदेशबंधु = दे॰ 'स्वदेशज' । स्वदेशभक्ति = अपनी मातृभूमि के प्रति प्रगाढ़ निष्ठा । स्वदेश- स्मारी = अपने देश का स्मरण करनेवाला । स्वदेशस्मृति = अपने देश या वतन की याद ।

संधि

स्व + देश = स्वदेश