प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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स्रम पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ श्रम] दे॰ 'श्रम' । उ॰—(क) स्वारथ सुकृत न स्रम बृथा देख बिहंग बिचार । बाज पराये पानि परि तू पंछी हि न मार । — बिहारी (शब्द॰) । (ख) रामचरित सर विन अन्हवाये । सो स्रम जाइ न कोटि उपाये । — तुलसी (शब्द॰) ।