स्थानिक ^२ संज्ञा पुं॰
१. वह जिसपर किसी स्थान की रक्षा का भार हो । स्थानरक्षक ।
२. मंदिर का प्रबंधक ।
३. राजकर वसूल करनेवाला एक कर्मचारी । विशेष—जनपद के चौथे भाग की मालगुजारी इनके जिम्मे रहती थी । ये 'समाहती' के अधीन होते थे और इनके अधीन गोप होते थे ।