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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

स्तेन संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. चोर । चौर । तस्कर ।

२. एक प्रकार का सुगंधित द्रव्य । चोर नामक गंधद्रव्य ।

३. चोरी करना । चुराना । यौ॰—स्तेननिग्रह = (१) चोरों का निग्रह, शासन या दंड । (२) चोरी को बंद करना । चौरकार्य का दमन करना । स्तेनहृदय = पक्का चोर । शातिर चोर ।