प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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स्तव संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. किसी देवता का छंदोबद्ध स्वरूपकथन या गुणागान । स्तुति । स्तोत्र । जैसे,—शिवस्तव, दुर्गास्तव ।

२. ईश- प्रार्थना ।

३. प्रशस्ति । प्रशंसा (को॰) ।

४. एक पदार्थ (को॰) ।