प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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स्तंभन संज्ञ पुं॰ [सं॰ स्तम्भन]

१. रुकावट । अवरोध । निवारण ।

२. विशेषतः वीर्य आदि के स्खलन में बाधा या बिलंब ।

३. वह ओषध जिससे वीर्य का स्खलन विलंब से हो । वीर्यपात रोकनेवाली दवा । विशेष—इस अर्थ में लोग भ्रम से इस शब्द का स्तंभक के स्थान पर प्रयोग करते हैं ।

३. सहारा । टेकान । टेक ।

४. जड़ या निश्चेष्ट करना । जडीकरण ।

५. रक्त के प्रवाह या गति का रोकना ।

६. एक प्रकार का तांत्रिक प्रयोग जिससे किसी चेष्टा या शक्ति को रोकते हैं ।

७. वह औषध जो रूखी, ठंढी और कसैली हो, जिसमें पाचन शक्ति कम हो और जो वायु करनेवाली हो ।

८. कब्ज । मलाव- रोध ।

९. कामदेव के पाँच वाणों में से एक । (शेष चार वाण ये हैं—उन्मादन, शोषण, तापन और संमोहन) ।

१०. शां त होना । स्वस्थचित्त होना (को॰) ।

११. दृढ़ या कड़ा करना (को॰) ।

१२. दबाना । नियंत्रित करना (को॰) ।

१३. स्तंभवत् करने की क्रिया । स्तंभ करना (को॰) ।