प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सोहारी † संज्ञा स्त्री [हि॰ सोहाना (=रुचना) अथवा सं॰ सु + √ स्तृ>स्तर, स्तार] पूरी । उ॰—(क) मोती चूर मूर के मौदक ओदक की उजियारी जी । समई सेव सैंजना सूरन सोवा सरस सोहारी जी ।—विश्राम (शब्द॰) । (ख) लुचुई पूरि सोहारी परी । एक ताती औ सुठि कोंवरी ।—जायसी ग्रं॰ (गुप्त), पृ॰ ३१३ ।