प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सृजन पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ √सृज् > सर्जन]

१. सृष्टि करने की क्रिया । उत्पादन ।

२. सृष्टि । उत्पत्ति ।

३. छोड़ना । निकालना । यौ॰—सृजनधर्मा, सृजनधर्मो = दे॰ 'सृजनहार' । उ॰—साहित्य उसी तरह सुजनधर्मी है ।—सा॰ दर्शन, पृ॰ ५३ । सृजन- शीलता = निर्माण या सृजन की क्षमता ।