सुहृद् संज्ञा पुं॰ [सं॰]दे॰ 'सुहृत्' । यौ॰—सुहृद् बल=मित्र राष्ट्र की सेना । सुहृद् भेद=(१) मित्र का अलग होना । मैत्री न रहना । (२) हितोपदेश का दूसरा परिच्छेद । सुहृद्वाक्य=मित्र की सलाह । अच्छी सलाह । उत्तम मंत्र ।