प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सुवा पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ शुक, प्रा॰ सुअ] दे॰ 'सुआ' । उ॰—सुवा चलि ता बन को रस पीजै । जा बन राम नाम अमृतरस श्रवणपात्र भरि लीजै ।—सूर (शब्द॰) ।