सुरती संज्ञा स्त्री॰ [सुरत (नगर)+ई] खाने के तंबाकू के पत्तों का चूरा जो पान के साथ या यों ही चूना मिलाकर खाया जाता है । खैनी । विशेष— अनुमान किया जाता है कि पुर्तगालवालों ने पहले पहल इसका प्रचार सूरत नगर में किया था; इसी से इसका यह नाम पड़ा ।