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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

सुमंतु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ सुमन्तु]

१. एक मुनि का नाम जो वेदव्यास के शिष्य, अथर्ववेद के शाखाप्रचारक तथा एक स्मृति या धर्मशास्त्र के प्रणेता थे ।

२. जह नु के एक पुत्र का नाम ।

३. अच्छा सलाहकार । उत्कृष्ट मंत्री (को॰) ।

सुमंतु ^२ वि॰

१. अच्छी मंत्रण या सलाह देनेवाला ।

२. जो अत्यंत निंद्य हो । दोषावह । सापराध [को॰] ।