प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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सुजान वि॰ [सं॰ सज्ञान]

१. समझदार । चतुर । सयाना । उ॰— (क) करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान ।—रहीम (शब्द॰) । (ख) दोबल कहा देति मोहिं सजनी तू तो बड़ी सुजान । अपनी सी मैं बहुतै कीन्ही रहति न तेरी आन ।—सूर (शब्द॰) । (ग) ब्याही सो सुजान सील रूप बसुदेव जू को, विदित जहान जाकी अतिहि बड़ाई है ।—गिरधर (शब्द॰) ।

२. निपुण । कुशल । प्रवीण ।

३. विज्ञ । पंडित ।

४. सज्जन ।

सुजान ^२ संज्ञा पुं॰

१. पति या प्रेमी । उ॰—अरी नीद आवै चहै जिहि दुग बसत सुजान । देखी सुनी धरी कहूँ दो असि एक मयान ।—रतनहजारा (शब्द॰) ।

२. परमात्मा । ईश्वर । उ॰—बार बार सेवक सराहना करत राम, तुलसी सराहैं रीति साहिब सुजान की ।—तुलसी (शब्द॰) ।